बीपीएससी 64वीं परीक्षा में इन सफज महिला अभ्यर्थियों की कहानी प्रेरणादायक है। घर-परिवार और नौकरी के साथ बीपीएससी जैसे प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त करना आसान नहीं है। इन महिलाओं के संघर्ष की कहानी हौंसला देती है कि ठान लो तो कोई भी बाधा सफलता के कदम नहीं रोक सकती। पेश है बीपीएससी में सफल महिला अभ्यर्थियों की प्रेरक कहानियां।
इस तरह बनीं महिला टॉपर
नौकरी के साथ पढ़ाई का समन्वय बनाकर आर्या राज 64वीं परीक्षा में महिला टॉपर होने का गौरव हासिल कर पाईं। आर्या वर्ष 2019 में बीपीएससी की सीडीपीओ परीक्षा में टॉपर रहीं है। वह वर्तमान में बेगूसराय में कार्यरत हैं। उन्होंने बचपन से ही सिविल सेवा में जाने का लक्ष्य तय किया था। वर्ष 2009 में पटना के कृष्णा निकेतन से 10वीं पास करने के बाद नोट्रेडेम स्कूल से 12वीं पास की। इसके बाद अर्थशास्त्र से पटना वीमेंस कॉलेज से पढ़ाई की। पटना विवि में भी द्वितीय टॉपर रहीं।
आर्या ने बताया कि जॉब के साथ-साथ पढ़ाई में थोड़ी दिक्कत होती थी। सीडीपीओ परीक्षा के दौरान ही पढ़ाई कर चुकी थीं। इसके बाद भी वह नौकरी के साथ-साथ रोज तीन-चार घंटे रिवीजन करती थीं। उन्होंने बताया कि 25-30 मिनट तक उनका साक्षात्कार चला। इसमें अधिकतर प्रश्न वर्तमान सीडीपीओ की नौकरी, बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान से ही रहे। आर्या ने अपना सफलता का श्रेय पिता गंगाधर यादव, मां सरिता देवी, भाई आर्यन राज, आदित्य राज एवं अमूल्य रत्न को दिया है।
सुशांत सिंह राजपूत की ममेरी बहन दिव्या गौतम बनेंगी आपूर्ति निरीक्षक
वर्ष 2012 में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद की दौड़ में रनर रहीं दिव्या गौतम ने भी परीक्षा में सफलता हासिल की है। उन्हें 1207वीं रैंक हासिल हुई है। वह फिल्म अभिनेता सुशांत ङ्क्षसह राजपूत की ममेरी बहन भी हैं। बीपीएससी परीक्षा में वे आपूर्ति निरीक्षक पद के लिए चुनी गई हैं। दिव्या ने बताया कि वे पढऩे के साथ-साथ पटना वीमेंस कॉलेज में मास कम्युनिकेशन की छात्राओं को पढ़ाती हैं। हर दिन सात-आठ घंटे की मेहनत ने उन्हें यह सफलता दिलाई है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिजनों को दिया है।
जहानाबाद की सीमा ने शादी के छह साल बाद हासिल की सफलता
जहानाबाद जिले के बेमभई गांव की बेटी सीमा ने शादी के छह साल बाद बिहार लोक सेवा आयोग की संयुक्त परीक्षा में 182वीं रैंक हासिल की। रांची के डीएवी स्कूल से मैट्रिक और संत जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई के बाद बेंगलुरु से एमबीए के बाद प्राइवेट जाब कर रही थीं। शादी के बाद प्रशासनिक सेवा की ओर सीमा का रुझान बढ़ा और तैयारी शुरू कर दी। गोद में बच्चे की देखभाल करते हुए प्रशासनिक सेवा की तैयारी छोटे भाई भारतीय वन सेवा के अधिकारी के मार्गदर्शन में की। बेटे की उम्र छह साल है। पति रामप्रवेश राय प्रशासनिक सेवा में हैं। सरकारी नौकरी में रुतबा देख सीमा ने प्राइवेट जाब छोड़कर प्रशासनिक सेवा में करियर बनाने की ठानी। सीमा के पिता कैलाश प्रसाद पुलिस सेवा से अवकाश ग्रहण कर चुके हैं।
6 जून की शाम जारी हुआ परिणाम
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने 64वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम 6 जून शाम को जारी किया गया। इस परीक्षा से राज्य को 1465 सीटों के बदले 1454 अधिकारी मिले। ओम प्रकाश गुप्ता टापर रहे।
आयोग के परीक्षा नियंत्रक सह संयुक्त सचिव अमरेंद्र कुमार ने बताया कि 24 विभागों के लिए 1465 पदों पर नियुक्ति के लिए 4,71,581 आवेदन आए थे। इसके लिए प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) 16 दिसंबर 2018 को आयोजित की गई थी। मुख्य परीक्षा जुलाई 2019 में आयोजित हुई। साक्षात्कार 10 फरवरी 2021 तक कराया गया। फाइनल परीक्षा में 1,454 सफल हुए। अब तक का यह सबसे अधिक सीट रहा है।