देश का पहला बुलेट ट्रेन का निर्माण कार्य बहुत ही तेज़ी से किया जा रहा है, और जल्द ही इसे पूरा किया जायेगा आपको बता दूँ की लम्बे समय से मुंबई से अहमदाबाद के बिच देश का पहला बुलेट ट्रेन का निर्माण किया जा रहा है।
बुलेट ट्रेन के लिए बनाए जा रहे खंभे 100 किमी तक बनकर तैयार हो गये हैं. अकेले गुजरात में 352 किमी बुलेट ट्रेन दौड़ेगी, जबकि अहमदाबाद से मुंबई तक इस बुलेट ट्रेन ट्रैक की लंबाई 508 किमी है. रेल मंत्रालय की कोशिश है कि साल 2026 तक यहां 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बुलेट ट्रेन दौड़ने लगे.
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुलेट ट्रेन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि 2026 तक बुलेट ट्रेन देश में चल जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इसके डिज़ाइन में टाइम लग रहा है और बाकी सब काम टाइम पर चल रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन का काम काफी तेज गति से चल रहा है। बता दें कि बुलेट ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने टाइम्स नाउ समिट में बुलेट ट्रेन को लेकर कहा कि इसकी डिज़ाइन में समय लग रहा है। उन्होंने कहा, “आप किसी भी देश को ले लें जहां पहली बुलेट ट्रेन बनी है, वहां पहली बुलेट ट्रेन बनाने में वक्त लगा, क्योंकि इसकी डिजाइन बड़ी कठिन है। बुलेट ट्रेन 320 की स्पीड पर चलती है तो इसको कंट्रोल करने में, सिस्टम डिज़ाइन करने में टाइम लगता है।”
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 110 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा, “पिछले साल इसकी पहली आधारशिला रखी गई और उसके बाद करीब 110 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है। ये पिछले एक साल में हुआ है। अगर हम एक साल में काम की दर को देखें, तो शायद ये दुनिया के अन्य देशों से बेहतर है। सबकुछ टाइम पर चल रहा है और 2026 तक ये चल जाएगी। ट्रेन की डिज़ाइन में थोड़ा टाइम लग रहा है क्योंकि इसको पर्यावरण के हिसाब से डिज़ाइन किया जा रहा है। बाकी सब काम टाइम पर चल रहा है।”
शिंदे सरकार ने BKC में दी जमीन
वहीं सत्ता में आने के बाद भाजपा और शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट वाली महाराष्ट्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना मुंबई-अहमदाबाद बुलेट के लिए केंद्र सरकार को मुंबई के आलीशान बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में जमीन सौंप दी है। हालांकि इसके लिए National High Speed Rail Corporation Limited (NHSRCL) को लगभग दुगनी कीमत चुकानी पड़ेगी। बता दें कि वंदे भारत भी काफी तेज रफ़्तार से चलती है।
2018 में यह निर्णय लिया गया था कि NHSRCL भूमि के लिए 3,513.37 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी इसमें जमीन के ऊपर 0.9 हेक्टेयर और जमीन के नीचे 3.3 हेक्टेयर जमीन शामिल है। हालांकि पिछले महीने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में MMRDA ने NHSRCL से 8,889.72 करोड़ रुपये की मांग की है। इसमें से 4,387.98 करोड़ रुपये जमीन के ऊपर 1.52 हेक्टेयर और जमीन के नीचे 3.32 हेक्टेयर अधिक भूमि के लिए है।
[DISCLAIMER: यह आर्टिकल कई वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. Bharat News Channel अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है]
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