देश में एक बार फिर कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप बढ़ गया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य सरकारों की तरफ से कभी भी लॉकडाउन (Lockdown) को लेकर बड़ा फैसला आ सकता है. ऐसे में देश के दिल्ली, पुणे और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी की तैयारी शुरू कर दी है.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि इन शहरों में मौजूद रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर बड़ी संख्या में मजदूर पहुंच रहे हैं. देश में बिगड़ती कोविड स्थिति के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को शाम 6.30 बजे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे.
साल 2020 में कोरोना वायरस की मार झेलने वालों में एक वर्ग प्रवासी मजदूर का भी है. सरकार की तरफ से लगाए गए लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने पैदल ही अपने घरों का रास्ता तय किया था. उस दौरान रेल, बस और सभी तरह की यात्रा सुविधाओं पर पाबंदी लगा दी गई थी. अब मजदूरों को एक बार फिर उसी दौर का डर सताने लगा है. इसी के चलते उन्होंने घरों की ओर लौटना शुरू कर दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई को बिहार के एक मजदूर ने बताया, ‘पिछली बार लॉकडाउन के दौरान हमें यहां फंसना पड़ा. दोबारा ऐसे हालात से बचना चाहते हैं. फिलहाल घर लौटना ज्यादा अच्छा है.’
इन राज्यों में आई नाइट कर्फ्यू की नौबत
देश के सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. इसके अलावा वीकएंड पर लॉकडाउन की घोषणा की गई है. वहीं, दिल्ली में भी आगामी 30 अप्रैल तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. इनके अलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा के कई इलाकों में कड़ी पाबंदियां जारी हैं.
पुणे में सेना से मांगी गई मदद
पुणे में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि मरीजों को इलाज के लिए बिस्तर और वेंटिलेटर नहीं मिल रहे हैं. यह हाल निजी और सरकारी दोनों तरह के अस्पतालों में हैं. ऐसे में नगर निगम ने सेना से मदद मांगी है. आयुक्त ने दावा किया था कि सेना ने उनकी मदद की मांग को स्वीकार कर लिया है. पुणे स्थित सेना के अस्पताल में 335 बिस्तर और 15 वेंटिलेटर हैं. फिलहाल पुणे में 445 वेंटिलेटर हैं और सभी पर मरीजों का इलाज जारी है. पुणे के अलावा कोरोना वायरस से महाराष्ट्र के कई अन्य जिलों में भी कोविड स्थिति काफी खराब हो चुकी है.
INPUT: NEWS18