बुधवार की सुबह वातावरण में सर्दी का सितम काफी बढ़ गया है। राजधानी समेत पूरे प्रदेश में आज काफी ठंड का अनुभव किया गया। वातावरण में कोहरा एवं धुंध की घनी परत छाई रही । ठंड से बचने के लिए लोग घरों में दुबके रहे। राजधानी के अधिकांश पार्क व मैदान खाली रहे। सड़कों पर भी बहुत कम लोग ही नजर आए। हालांकि धूप रोजाना की तरह आज भी जल्दी की निकल आई। इससे लोगों को काफी राहत मिली।
अगले कुछ दिनों में शीतलहर तेज होने की उम्मीद
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि हिमालय पर हो रही भारी बर्फबारी के कारण देश के मैदानी भाग में एक बार फिर ठंड बढ़ने लगी है। जल्द ही शीतलहर भी तेज हो जाएगी। ऐसे में लोगों को सर्दी से बचने की जरूरत है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि वर्तमान में पश्चिम से आने वाली हवा एवं हिमालय पर हो रही बर्फबारी के कारण देश का मैदानी भाग भीषण ठंड की चपेट में आ गया है। इस तरह की स्थिति आगे भी बने रहने की उम्मीद है। पिछले एक सप्ताह से लोगों को दिन में धूप निकलने से थोड़ी राहत मिल रही थी , लेकिन अब ठंड में काफी वृद्धि हो गई है।
उत्तर बिहार में बढ़ेगा धुंध का असर
खासकर दक्षिण – पश्चिम बिहार में ठंड का प्रभाव अगले दो दिनों तक ज्यादा देखा जाएगा। वहीं उत्तरी बिहार में खास करके नदियों के इलाके वाले गांव और शहरों में धुंध और कोहरे का प्रभाव ज्यादा होगा। ऐसे में लोगों को वाहन चलाते समय बेहद सावधान रहने की जरूरत है। खासकर रात्रि के दौरान कोहरे का प्रभाव ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में वाहन चलाने में बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। वातावरण में ठंड बढ़ने के दौरान विशेष रूप से सुबह शाम लोगों को गर्म कपड़ा में घर से बाहर निकलने की जरूरत है ।
बुजुर्ग एवं बच्चे रहें विशेष सावधान
राज्य की बदलते मौसम में चिकित्सकों का कहना है कि बच्चे बुजुर्गों को फिलहाल बेहद सावधान रहने की जरूरत है। पीएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश कुमार शर्मा का कहना है कि फिलहाल बच्चों को लेकर अभिभावकों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। बच्चों को घरों में भी गर्म कपड़ा में रखें। जिस कमरे में बच्चे रह रहे हो उसका वातावरण गर्म होना चाहिए । इसके लिए हीटर आदि का उपयोग किया जा सकता है। साथी बच्चों के खानपान पर भी आज विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ज्यादा ठंडे, यानी आइसक्रीम वगैरह से फिलहाल दूरी बनाना बेहद जरूरी है।
हमेशा साथ रखें बीपी की दवा
बुजुर्गों को वातावरण में पर्याप्त गर्मी आने के बाद घरों से बाहर निकलने की जरूरत है। बुजुर्ग पार्कों में या मैदानों में टहलते वक्त बीपी की दवा अवश्य रखें । जहां असुविधा महसूस हो वहां बीपी की दवा का सेवन कर सकते हैं। पीएमसीएच के हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक कुमार का कहना है कि वर्तमान में राज्य का मौसम काफी तेजी से बदल रहा है दिन भर में तापमान कई बार बदल जाता है। ऐसे में बीपी में ज्यादा उतार-चढ़ाव होना मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत नुकसान दायक माना जाता है। बुजुर्ग वर्तमान में घर के अंदर ही योगाभ्यास का सहारा लें तो बेहद लाभदायक होगा। प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा घर के अंदर योगाभ्यास करें।