मथुरा. उत्तर प्रदेश के मथुरा (Mathura) में नवरात्र के पहले दिन 17 अक्टूबर से विश्व विख्यात बांके बिहारी मंदिर के पट भक्तों के लिए खुल जाएंगे. करीब 6 महीने 25 दिन के इंतजार के बाद मंदिर खुलने की खबर से भक्तों में खुशी की लहर है. मामले में मंदिर प्रबंधक ने बताया कि कोविड-19 के नियमानुसार मंदिर में भक्तों को दर्शन की अनुमति मिलेगी. (File Photo)
मंदिर प्रबन्धक मुनीष शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण बांके बिहारी मंदिर पिछले करीब 6 महीने से बंद था. इस दौरान मंदिर की दीवार और फर्श की आईआईटी इंजीनियर और पुरातत्व विशेषज्ञों की देखरेख में मंदिर की मरम्मत कराई गई है. यह कार्य जारी है, जिसके 16 अक्तूबर तक पूर्ण होने की पूर्ण सम्भावना है. (File Photo)
बता दें बांके विहारी जी का मंदिर सबसे प्राचीन माना जाता है. इस स्थान की महिमा का वर्णन हरिवंश पुराण, श्रीमद्भागवत और विष्णु पुराण जैसे कर्इ ग्रंथों में किया गया है. कालिदास ने भी इसका उल्लेख रघुवंश में इंदुमती-स्वयंवर के प्रसंग में शूरसेनाधिपति सुषेण का परिचय देते हुए किया है. (File Photo)
श्रीमद्भागवत के अनुसार गोकुल से कंस के अत्याचार से बचने के लिए नंदजी कुटुंबियों और अन्य परिजनों के साथ वृन्दावन निवास के लिए आए थे. विष्णु पुराण में इस बात के साथ वृन्दावन में कृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया गया है. (File Photo)
बांके बिहारी मंदिर मथुरा जिले के वृंदावन धाम में रमण रेती स्थान पर है. श्री कृष्ण के बांके बिहारी स्वरूप का यह मंदिर भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. इसका निर्माण 1864 में स्वामी हरिदास ने करवाया था. मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान के दर्शन मात्र से इंसान के समस्त पापों का नाश हो जाता है. (File Photo)
Input: News18
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