लखनऊ. उत्तर प्रदेश में हाथरस कांड (Hathras Case) को लेकर योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर समेत कई पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. वहीं एसआईटी को सभी लोगों के नारको और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के निर्देश दिये है. फिलहाल डीएम पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
दोषियों को ऐसा दंड मिलेगा कि बनेगा उदाहरण- सीएम योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्वीटर अकाउंट से उन आलोचनाओं का जवाब देने की कोशिश की है जिनमें यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को कमजोर बताया गया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है. उन्होंने प्रदेश की जनता को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि महिलाओं के सम्मान और स्वाभिमान को नुकसान पहुंचाने वालों को उनकी सरकार बख्शेगी नहीं. हर हाल में उन्हें दंड मिलेगा. ये दंड ऐसा होगा जो भविष्य में उदाहरण बन जाएगा
विपक्ष का धरना-प्रदर्शन जारी
मालूम हो कि यूपी में महिलाओं के साथ इस हफ्ते रेप की खबरें लगातार सामने आईं. विपक्ष ने इन वारदात को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला है. आम आदमी भी यूपी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गुस्से में है. उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड (Hathras Gangrape Case) को लेकर सियासत और हंगामा जारी है. कई विपक्षी पार्टियां मामले में उत्तर प्रदेश की सरकार और यूपी पुलिस के रवैये को लेकर सवाल उठा रही हैं.
छावनी में तब्दील हुआ गांव, मीडिया की नो-एंट्री
पुलिस ने हाथरस गैंगरेप पीड़ित के गांव को पुलिस ने छावनी बना रखा है. जिले में धारा-144 लगाने के साथ ही पीड़ित के गांव में नाकेबंदी है. गांव के लोगों को भी आईडी दिखाने के बाद ही एंट्री दी जा रही है. प्रशासन के इस रवैये से लोग नाराज हैं. उनका कहना है कि हमारे ही गांव में हमसे अपराधी जैसा सलूक हो रहा है.
Input: News18