108 करोड़ रुपये खर्च कर लगाए जाएंगे इस एक्सप्रेसवे के सेंट्रल वर्ज पर क्रैश बैरियर

नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस वे में एक और यहां हाेने वाले हादसाें के चलते fast and furious के नाम से भी पहचाने जाने वाले यमुना एक्सप्रेस वे  (Yamuna Express Way) पर 108 कराेड़ रुपये खर्च किए जाने वाले है. इस राशि  का इस्तेमाल  यहां हाेने वाली दुर्घटनाओं (Accidents)पर लगाम लगाना है. किसी भी एक्सप्रेस वे में दुर्घटनाएं हाेना बड़ी बात नहीं हाेती लेकिन यमुना एक्सप्रेस वे काे लेकर आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) ने कई सिफारिशें दी थी जिससे माैजूद कमियाें काे दूर कर या उसे और बेहतर कर हादसाें पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकती थी लेकिन एक्सप्रेवे मैनेजमेंट लंबे समय से उस पर ध्यान नहीं दे रहा था. हाल ही में मथुरा में एक परिवार के सात लाेग यहां हादसे में दर्दनाक माैत मारे गए थे. इस हादसे के बाद एक्सप्रेस वे का मैनेजमेंट संभाल रहे आईआरपी अनुज जैन के खिलाफ यमुना अर्थाेरिटी ने एफआईआर भी दर्ज करवाई थी.

इसके बाद से सुरक्षा बंदाेबस्त पुख्ता करने काे लेकर काम शुरू हाे गया और आईआईटी दिल्ली के सुझावाें पर कंपनी ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया है. जिसके तहत किसी भी वजह से दुर्घटनाग्रस्त वाहन सेंट्रल वर्ज पार कर दूसरी लेन में नहीं जा पाएंगे जिसका सीधा मतलब है दूसरी लेन में चल रहे अन्य वाहन इसके चपेट में नहीं आएंगे और सुरक्षित रहेंगे. सुरक्षा काे लेकर उठाए जाने वाले कदमाें के लिए इस प्रोजेक्ट में 108 करोड़ रुपये खर्च होंगे. जिसके टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है. वहीं अब कंपनी जल्द ही काम शुरू करेगी. 

165 किलाेमीटर लंबे इस यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाओं की संख्या ज्यादा है. यहां हर दिन करीब 28 हजार से ज्यादा छाेटे-बड़े वाहन गुजरते है और तय की गई स्पीड की सीमा के बाद भी वाहन चालक सिर्फ स्पीड सेंसर आने पर कार की स्पीड धीमी करती है. दुर्घटना के ज्यादातर मामलाें में यह देखने में आया है कि वाहन दूसरी लेन में घुस जाते है जिससे अन्य वाहनाें काे भी चपेट में ले लेते है ताे कई बार डिवाइडर ताेड़ते हुए विपरीत दिशा में आ रहे वाहनाें से भीड़ जाते है.

इस दिक्कत काे कैसे दूर किया जाए इसे लेकर आईआईटी दिल्ली ने यमुना एक्सप्रेस वे का सुरक्षा ऑडिट भी किया था जिसमें यह कहा गया था कि एक्सप्रेसवे के सेंट्रल वर्ज के दाेनाें के दाेनाें तरफ क्रैश बैरियर लगा कर ऐसे हादसाें काे राेका जा सकता है. लेकिन इस महत्वपूर्ण सुझाव पर भी अमल नहीं किया गया जिसके चलते लगातार हादसे बढ़ते ही रहे. 

अब इन सुझावाें पर अमल किया जा रहा है. और पूरे 165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेसवे के सेंट्रल वर्ज पर क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे. यमुना एक्सप्रेसवे की मैनेजिंग कंपनी जेपी ग्रुप के वाइस प्रेसीडेंट अशोक खेड़ा ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनी का चयन कर लिया गया है। जीआर इंफ्रा को इसे पूरा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. क्रैश बैरियर लगाने में करीब 108 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. यह काम अगले महीने से शुरू हो जाएगा. 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *