Success Story Of IAS Topper Abhishek Sharma: अधिकतर लोगों को लगता है कि यूपीएससी में अंग्रेजी बोलने वाले कैंडिडेट जल्दी सफलता प्राप्त कर सकते हैं. लेकिन हर साल तमाम ऐसे उदाहरण सामने आते हैं, जो इस बात को साबित करते हैं कि आप यहां किसी भी भाषा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं.
आज आपको साल 2017 में यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा पास कर आईएएस अफसर बनने वाले अभिषेक शर्मा की कहानी बताएंगे. इंग्लिश बोलने में वे काफी झिझकते थे और इस वजह से पहले प्रयास में वे इंटरव्यू तक पहुंचकर फेल हो गए. ऐसे में उन्होंने दोबारा हिंदी में प्रयास किया, लेकिन फिर असफल हुए. आखिरकार तीसरे प्रयास में उन्होंने हिंदी को ताकत बनाया और ऑल इंडिया रैंक 69 हासिल की.
टाट-पट्टी पर बैठकर हुई शुरुआती पढ़ाई
अभिषेक शर्मा की शुरुआती पढ़ाई गांव में ही हुई. वहां स्कूलों की हालत बेहद जर्जर थी. छत पर टिन शेड हुआ करती थी और बच्चे टाट-पट्टी पर बैठकर पढ़ाई करते थे. ऐसे हालातों में भी अभिषेक को पढ़ाई करने का जूनून था. उनकी अधिकतर पढ़ाई हिंदी मीडियम से हुई. हाईस्कूल में अभिषेक के 90.20% और इंटरमीडिएट में 93.3% नंबर आए. उन्होंने साल 2014 में ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.
ऐसे आया यूपीएससी का आइडिया
अभिषेक की मां एसडीएम ऑफिस में क्लर्क के पद पर तैनात थीं. अभिषेक कई बार उनसे मिलने ऑफिस गए थे, जहां अधिकारियों को देखकर उनके मन में यूपीएससी का ख्याल आया. ऐसे में उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद तैयारी के लिए दिल्ली आने का फैसला किया. 3 महीने तक कोचिंग करने के बाद उन्होंने वापस जम्मू कश्मीर लौटने का फैसला किया और वहीं रहकर तैयारी की. इस दौरान कई चुनौतियों का सामना किया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
यहां देखें अभिषेक शर्मा का दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
अन्य कैंडिडेट्स को अभिषेक की सलाह
अभिषेक का मानना है कि भले ही आप किसी भी मीडियम से पढ़े हुए हों, आप कड़ी मेहनत कर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं. उनका मानना है कि आप जिस भाषा में अपने जवाब को बेहतर तरीके से दे पाएं, इंटरव्यू के दौरान उसी भाषा का प्रयोग करें. जरूरी नहीं है कि आप अंग्रेजी में बोलें. वे कहते हैं कि ईमानदारी से यूपीएससी की तैयारी करें और असफलताओं से घबराएं नहीं. लगातार मेहनत करने वालों को सफलता जरूर मिलती है.