यूपीएससी की सिविल सर्विसेज की परीक्षा में हर साल लाखों छात्र भाग लेते हैं और सैकडों छात्रों को इसमें सफलता मिलती है. लेकिन कुछ छात्रों की कहानी ऐसी होती है जो हर किसी के लिए प्रेरणा बन जाती है. नागार्जुन गौड़ा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. गौड़ा पहले बेहद संघर्षों से गुजरते हुए डॉक्टर बनते हैं और फिर यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अफसर बनते हैं.
आर्थिक तंगी के बावजूद भी उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और मेहनत और लगन की दम पर यूपीएससी में सफलता हासिल की. नागार्जुन गौड़ा का जन्म कर्नाटक के गांव में हुआ था. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, इसके बावजूद उन्होंने कड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई की. इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने एमबीबीएस का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर किया. इसके बाद उन्होंने MBBS में एडमिशन लिया.
MBBS पूरा करने के बाद उन्होंने एक हॉस्पिटल में नौकरी की. इसी दौरान उन्होंने यूपीएससी में जाने का फैसला किया. लेकिन घर में कमाने वाला कोई और नहीं था, इसलिए उन्होंने नौकरी के साथ-साथ तैयारी की. नौकरी के साथ-साथ तैयारी करना आसाना नहीं था, लेकिन नागार्जुन ने हिम्मत नहीं हारी. नागार्जुन ने नौकरी के साथ हर दिन करीब 6 से 8 घंटे निकालकर पढ़ाई की.
उनका मानना है कि अगर आप अच्छी रणनीति के साथ हर दिन इतना वक्त पढ़ाई के लिए निकाल लेंगे तो नौकरी के साथ भी परीक्षा पास कर सकते हैं. वे कहते हैं कि आपको हर चीज समझदारी के साथ प्लान करनी पड़ेगी. हर चीज शेड्यूल के अनुसार तय करें और कोशिश करें कि सिलेबस कंप्लीट होने के बाद ज्यादा से ज्यादा रिवीजन हो सके.
नागार्जुन का कहना है कि अगर आप यूपीएससी की तैयारी करना चाहते हैं तो संसाधनों का रोना ना रोएं और जैसे भी संभव हो अपनी तैयारी करते रहें. नौकरी के साथ भी आप तैयारी कर सकते हैं और बिना कोचिंग के भी सफलता प्राप्त की जा सकती है. अगर आप स्मार्ट वर्क, हार्ड वर्क और धैर्य के साथ तैयारी करेंगे, तो निश्चित रूप से यहां सफलता प्राप्त कर सकते हैं.