बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान ‘यास’ ला सकता है बड़ी तबाही, हाई अलर्ट जारी




Cyclone YAAS Latest Update: चक्रवाती तूफान ताउते (tauktae) के कहर मचाने के बाद अब चक्रवाती तूफान यास (YAAS) का खतरा मंडराने लगा है. इसे लेकर पश्चिम बंगाल (West Bengal) और ओडिशा (Odisha) के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है.




बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र को देखते हुए चक्रवाती तूफान यास के आज बंगाल और ओडिशा के तट से गुजरने की आशंका जताई गई है. बता दें कि ताउते ने गुजरात और महाराष्ट्र मेंजमकर कहर मचाया था और अब यास को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है.




मौसम विभाग का कहना है कि 26 और 27 मई को साइक्‍लोन यास देश के पूर्वी तटीय इलाकों में दस्‍तक दे सकता है. इसके लिए अभी तक महाराष्‍ट्र और गुजरात में जो एनडीआरएफ टीमें तैनात थीं, उन्‍हें अब हवाई मार्ग से पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भेजा जा रहा है.ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तूफान का असर होने के अलावा अंडमान निकोबार द्वीपसमूह और पूर्वी तट के जिलों में तेज बारिश हो सकती है और बाढ़ के हालात भी पैदा हो सकते हैं।




भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 26 मई को यास चक्रवात के ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तट से गुजरने की आशंका जताने के मद्देनजर ओडिशा सरकार ने 30 में से 14 जिलों को सतर्क कर दिया है. राज्य सरकार ने शुक्रवार को भारतीय नौसेना एवं भारतीय तट रक्षक बल से स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया है.




मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 25 और 26 मई को तूफान यास आने की आशंका जताई है. वहां एनडीआरएफ की टीमों की तैनाती शुरू कर दी गई है, आज से लेकर 72 घंटों के भीतर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है चक्रवाती तूफान यास. अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिमी तटीय क्षेत्र में तूफान ताउते से प्रभावित राज्यों में बचाव और पुनर्वास के काम के लिए भेजे गए दलों को वापस बुलाया जा रहा है.




विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रकोष्ठ ने जानकारी दी कि इसके अगले 72 घंटों में धीरे-धीरे चक्रवाती तूफान में बदलने की पूरी संभावना है। यह उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ सकता है और 26 मई की शाम के आसपास पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटों तक पहुंच सकता है।




केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना वायरस महामारी पहले से ही सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौती है जो अस्थायी शिविरों में रहने वाले विस्थापित लोगों में पैदा हो सकने वाली जल, मच्छर और हवा जनित बीमारियों के स्वास्थ्य जोखिम के कारण और जटिल हो सकती हैं.




Input: India

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