छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में शनिवार नक्सलियों के साथ हुए भीषण मुठभेड़ में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए हैं। दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया के अनुसार गांव के करीब और जंगल में शहीद जवानों के शव मिले हैं। नक्सली उनके हथियार, जूते और कपड़े तक लेकर चले गए हैं। इससे पहले शनिवार को पुलिस अधिकारियों ने 5 जवानों के शहीद होने की पुष्टि की थी और 21 जवान लापता बताए जा रहे थे।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुठभेड़ के संबंध में छत्तीसगढ़ के मख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात की। गृह मंत्री के आदेश पर सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह स्थिति का जायजा लेने के लिए आज सुबह छत्तीसगढ़ पहुंचे। सीएम बघेल आज शाम तक असम से छत्तीसगढ़ लौट आएंगे। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात हुई। उन्होंने सीआरपीएफ महानिदेशक को राज्य में भेजा है।
22 security personnel have lost their lives in the Naxal attack at Sukma-Bijapur in Chhattisgarh, says SP Bijapur, Kamalochan Kashyap
Visuals from the Sukma-Bijapur Naxal attack site pic.twitter.com/C3VvAdvjaN
— ANI (@ANI) April 4, 2021
इसमें घायल 30 जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से 23 घायलों को बीजापुर अस्पताल में और 7 को रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। एक रिइंफोर्समेंट पार्टी को मुठभेड़ स्थल पर भेजा गया है। दर्जनभर से ज्यादा नक्सलियों के मारे जाने की खबर है।
रिइंफोर्समेंट पार्टी सावधानी से आगे बढ़ रही
बस्तर आईजी सुंदरराज के अनुसार घटनास्थल के आसपास अभी भी नक्सलियों के मौजूदगी की आशंका है। ऐसे में रिइंफोर्समेंट पार्टी सावधानी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कोबरा बटालियन के एक जवान की शहादत की जानकारी दी थी। एक महिला नक्सली का शव बरामद होने की भी खबर दी। साथ ही उन्होंने कम से कम 15 नक्सलियों के मारे जाने की बात कही थी।
नक्सल विरोधी अभियान के दौरान मुठभेड़
छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने शनिवार को जानकारी दी थी कि नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुआ। पिछले 10 दिनों से छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के एक शीर्ष नक्सली मादवी हिडमा के ठिकाने के बारे में जानकारी मिल रही थी। उसका नाम 2013 के झीरम घाटी में हुए हमलें सहित कई बड़े हमलों से जुड़ा हुआ है। 2013 में झीरम घाटी नक्सली हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित 30 से अधिक लोग मारे गए थे
I bow to the sacrifices of our brave security personnel martyred while fighting Maoists in Chhattisgarh. Nation will never forget their valour. My condolences are with their families. We will continue our fight against these enemies of peace & progress. May injured recover soon.
— Amit Shah (@AmitShah) April 4, 2021
प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोंदी जवानों के शहादत पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि मेरे विचार छत्तीसगढ़ में माओवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए जवानों के परिवारों के साथ हैं। वीर शहीदों की कुर्बानियों को हमेशा याद रखा जाएगा। घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को मुठभेड़ में पांच जवानों के शहादत पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश उनकी वीरता को कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने ट्वीट करके कहा, ‘छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुए हमारे बहादुर सुरक्षाकर्मियों के बलिदान को नमन करता हूं। देश उनकी वीरता को कभी नहीं भूलेगा। मेरी संवेदना उनके परिवारों के साथ है। हम शांति और प्रगति के इन दुश्मनों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। घायलों के जल्द ठीक होने की कामना है।’ इससे पहले, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुरक्षाकर्मियों के शहादत पर शोक व्यक्त किया और मुठभेड़ में घायल हुए सैनिकों के लिए बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया करनाने का आदेश दिया।
10 दिनों में राज्य में यह दूसरी बड़ी नक्सली वारदात
बता दें कि यह पिछले 10 दिनों में राज्य में यह दूसरी बड़ी नक्सली वारदात है। इससे पहले 23 मार्च को, नारायणपुर जिले में सुरक्षाकर्मियों को ले जा रही एक बस को नक्सलियों ने आईडी से उड़ा दिया था। पिछले साल 21 मार्च को सुकमा जिले के मिंपा इलाके में एक नक्सली हमले में डीआरजी के 12 सहित 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
INPUT: JNN