दूल्हे को मंडप में छोड़ लड़की पहुंच गई काउंसिलिंग सेंटर, नौकरी लेकर वापस लौटी फिर हुई व‍िदाई




इंटरनेट पर हाल ही में एक फोटो वायरल हुई थी जिसमें एक दुल्हन शादी होते ही पति को छोड़कर चली गई थी। इधर दूल्हे ने उसके साथ फेरे पूरे किए और वह तुरंत ही वहां से रवाना हो गई। इसके पीछे लोगों ने कई कयास लगाए। सवाल था कि ऐसी क्या मजबूरी हुई होगी कि दुल्हन को शादी पूरी होते ही मंडप छोड़कर जाना पड़ा।




बालों में गजरा और हाथों में मेहंदी लगाए निकाल पड़ी दुल्हन
इसके पीछे की वजह जानकर आप खुद हैरान हो जाएंगे। दरअसल,यूपी के गोंडा जिले में शिक्षक भर्ती के लिए बीएसए ऑफिस में महिला अभ्यर्थियों की कांउसिलिंग (counselling) थी। बाराबंकी की रहने वाली प्रज्ञा तिवारी की शादी वाले दिन ही उनकी टीचर पद की काउंसलिंग होनी थी।




रातभर शादी की रस्में संपन्न हुईं, सुबह जैसे ही पांच बजे प्रज्ञा मेहंदी रचे हाथों से गोंडा बीएसए कार्यायल में चल रही टीचर पद की काउंसलिंग में पहुंच गईं। प्रज्ञा अपने डॉक्यूमेंटस के साथ पहुंची और फॉर्म भरा। प्रज्ञा के बालों में मोगरे के फूलों के गजरे सजे थे और हाथों में मेहंदी लगी हुई थी। अन्य अभ्यर्थियों समेत अधिकारी भी उन्हें देखकर अचंभित थे।




प्रज्ञा के लिए दोहरी खुशी की वजह
चूंकि काउंसलिंग की शेड्यूल डेट फिक्स थी इसलिए फेरों के बाद ही प्रज्ञा को कई रस्म छोड़कर काउंसलिंग के लिए जाना पड़ा। प्रज्ञा लाइन में लगी और अपने डॉक्यूमेंटस को चेक करवा कर रिसीविंग ली। प्रज्ञा के चेहरे पर अब दोहरी खुशी झलक रही थी।




इस कदम से तमाम बेटियों को मिली प्रेरणा
प्रज्ञा का कहना है कि उसके लिए करियर ज्यादा मायने रखता है इसलिए अपने दूल्हे को अपने इंतजार में मंडप में छोड़कर वह काउंसलिंग के लिए आई थी। एक ओर सभी इंतजार कर रहे थे कि कब दुल्हन बनी प्रज्ञा वापस आए और रस्म होने के बाद अपने ससुराल के लिए पति के साथ विदा हो। दूसरी ओर कैरियर से बिना कॉम्प्रोमाइज किए वो काउंसलिंग में चली गई।




प्रज्ञा ने सभी पेरेंट्स से अपील की है कि अपनी बेटियों को खूब पढ़ाएं ताकि वह सेल्फ डिपेंडेंट हो सके। प्रज्ञा ने अपने इस मुकाम तक पहुंचने का श्रेय अपने मम्मी-पापा को दिया। वहीं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (Basic education officer) डॉ0 इंद्रजीत प्रजापति ने भी प्रज्ञा को बधाई देते हुए कहा कि यह मजे की बात है कि कल शादी हुई और आज नौकरी लग गई। प्रज्ञा काउंसलिंग करा कर वापस बाराबंकी चली गई है। प्रज्ञा, बेसिक शिक्षा विभाग गोंडा में शिक्षक के पद पर नियुक्त हुई हैं।




प्रज्ञा का ये साहस और लगन तमाम बेटियों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं।




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