पटना. बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (Ex DGP Gupteshwar Pandey) की ग्रह-दशा विधानसभा चुनाव में साथ नहीं दे रही है. कुछ दिन पहले ही वीआरएस (VRS) लेकर जेडीयू (JDU) का दामन थामने वाले गुप्तेश्वर पांडेय को जेडीयू ने टिकट नहीं दिया. जिस ताम-झाम के साथ कुछ दिन पहले पांडेय जेडीयू में शामिल हुए थे, उसी ताम-झाम ने इस बार भी उन्हें टिकट से वंचित कर दिया? अब साफ लगने लगा है कि गुप्तेश्वर पांडेय बिहार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे.
बुधवार को जेडीयू उम्मीदवारों की सूची सामने आने के बाद तो और साफ हो गया है कि जेडीयू ने गुप्तेश्वर पांडेय का मनपसंद जगह से टिकट काट दिया है. बीजेपी ने भी शाम होते-होते बक्सर सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. अब गुप्तेश्वर पांडेय को लेकर बिहार की सियासी गलियारे में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.
जेडीयू की लिस्ट से गुप्तेश्वर पांडेय का नाम गायब
दरअसल गुप्तेश्वर पांडेय बक्सर जिले के ब्रह्मपुर या बक्सर सदर से जेडीयू से विधानसभा का टिकट चाहते थे, लेकिन बक्सर सदर बीजेपी के खाते में और ब्रह्मपुर सीट मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के खाते में चली गई है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि गुप्तेश्वर पांडेय बीजेपी ज्वाइन कर टिकट लेना चाहते हैं, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी के कुछ बड़े नेता गुप्तेश्वर पांडेय की एंट्री पार्टी में नहीं चाहते. इसलिए शाम होते-होते बक्सर सीट बीजेपी ने अपना प्रत्याशी उतार दिया.
पांडेय बक्सर से लड़ना चाहते थे चुनाव
बता दें कि बुधवार को ही जेडीयू ने अपने 115 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. जेडीयू के हिस्से में 122 सीटें आई हैं. बुधवार को कयास लगाए जा रहे थे कि पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को भी कहीं से टिकट मिलेगा, लेकिन लिस्ट आने के बाद पांडेय का पत्ता साफ हो गया. बुधवार को जेडीयू के द्वारा जारी सूची में पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का नाम नहीं था.
सुशांत सिंह राजपूत केस में खूब चर्चा में आए थे
हाल के दिनों में गुप्तेश्वर पांडेय फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की हत्या या आत्महत्या केस के दौरान काफी चर्चाओं में रहे थे. ऐसे में सवाल यह उठता है कि अपने रिटायरमेंट से चार-पांच महीने पहले पांडेय ने जिस विधानसभा चुनाव के लिए वीआरएस लिया था, उस मिशन में वह सफल नहीं हुए. कुछ साल पहले भी पांडेय बक्सर लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उस बार भी लालमुनी चौबे की वजह से बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया. बाद में वह वीआरएस वापस लेकर फिर से सेवा में लौट आए.
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले गुप्तेश्वर पांडेय के बारे में लोग काफी कॉमेंट कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर ये सवाल तैरने लगे हैं कि अब गुप्तेश्वर पांडेय का अगला कदम क्या होगा? बिहार के राजनीतिक गलियारे में यह सवाल तैरने लगी है कि आखिरकार पांडेय जी को इस बार भी टिकट क्यों नहीं मिला?
Input: News18