मुसीबत कितनी बड़ी क्यों न हो, जब अपनों का साथ मिले तो आसानी से पार निकला जा सकता है। ऐसी ही एक घटना मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर हुई। जब मां के अचानक बेहोश होकर गिर जाने के बाद दो साल की मासूम बच्ची की वजह से उसकी जान बच गई। बच्ची को जब जीआरपी और आरपीएफ की महिला कांस्टेबल ने बेसहारा घूमते देखा तो उन्हें संदेह हुआ।
बच्ची से मां-बाप के बारे में पूछा तो वह कुछ बता नहीं पाई, लेकिन वह उन्हें अपनी बेहोश पड़ी मां के पास ले गई। इसके बाद नाजुक हालत में महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उपचार के बाद वह ठीक हो गई।
शनिवार को मुरादाबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर करीब दो-ढाई साल की बच्ची इधर-उधर घूम रही थी। उसके आसपास भी कोई नहीं था। स्टेशन पर पर गश्त कर रही जीआरपी और आरपीएफ की महिला कांस्टेबल ने उसे देखा तो संदेह हुआ। आसपास के यात्रियों से पूछा कि बच्ची किसकी है तो उन्होंने उसे पहचानने से इन्कार कर दिया। इसके बाद बच्ची से पूछा कि मम्मी पापा कहां हैं तो वह कुछ बता नहीं पाई।
हालांकि जब महिला कांस्टेबल ने मम्मी के पास ले चलने के लिए कहा तो वह उसे फुटओवर ब्रिज के ऊपर ले जाने लगी। पीछे-पीछे कांस्टेबल भी चलने लगीं। जब वह फुटओवर ब्रिज पर ऊपर पहुंची तो वहां महिला बेहोश पड़ी हुई मिली। उसके पास छह सात महीने की एक और बच्ची भी थी। महिला को उठाने का प्रयास किया, लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे सकी। इसके बाद 108 एंबुलेंस को फोन करके बुलाया गया। इसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इमरजेंसी में भर्ती कर उसका उपचार शुरू हुआ। देर रात महिला को होश आ गया और रविवार सुबह वह अपने अपनी बच्चियों को साथ लेकर अस्पताल से चली गई।
नर्सों ने बच्चियों का रखा ध्यान : जिला अस्पताल में महिला करीब आठ घंटे बेहोश रही। इस दौरान बच्चियां भी भूख से बेहाल रहीं। जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात स्टाफ नर्स ट्रीजा सिंह ने अपनी सहयोगियों के साथ बच्चियों का ख्याल रखा। उन्हें दूध पिलाया और खाने के लिए बिस्किट आदि दिए।